SaleSold outGranthakar
Ram Vilas Paswan: The Weathervane of Indian Politics
₹595 ₹505
Save: 15%
srimad-bhagavat-mahapurana-1
₹380 ₹379
Save: 0%
श्रीरामचरितमानस I Shri Ramacharitamanasa
Publisher:
Gita Press
| Author:
Goswami Tulsidas
| Language:
Hindi
| Format:
Granthakar
₹500 ₹499
Save: 0%
Out of stock
Receive in-stock notifications for this.
Ships within:
3-5 Days
20
People watching this product now!
Out of stock
ISBN:
Categories: Dharma/Religion, Gita Press, Hindi
Page Extent:
श्रीरामचरितमानस—गोस्वामी श्रीतुलसीदासजी महाराजके द्वारा प्रणीत श्रीरामचरितमानस हिन्दी साहित्यकी सर्वोत्कृष्ट रचना है। आदर्श राजधर्म, आदर्श गृहस्थ-जीवन, आदर्श पारिवारिक जीवन आदि मानव-धर्मके सर्वोत्कृष्ट आदर्शोंका यह अनुपम आगार है। सर्वोच्च भक्ति, ज्ञान, त्याग, वैराग्य तथा भगवान्की आदर्श मानव-लीला तथा गुण, प्रभावको व्यक्त करनेवाला ऐसा ग्रन्थरत्न संसारकी किसी भाषामें मिलना असम्भव है। आशीर्वादात्मक ग्रन्थ होनेके कारण सभी लोग इसका मन्त्रवत् आदर करते हैं। इसका श्रद्धापूर्वक पाठ करनेसे एवं इसके उपदेशोंके अनुरूप आचरण करनेसे मानवमात्रके कल्याणके साथ भगवत्प्रेमकी सहज ही प्राप्ति सम्भव है। इस दिव्य ग्रन्थरत्नकी अधिकाधिक प्रचार-प्रसारकी दृष्टि से ही गीताप्रेससे इसके बृहदाकार, ग्रन्थाकार, मझला आकार, गुटका आकार और अलग-अलग काण्डके रूपमें विभिन्न भाषाओंमें सटीक एवं मूल अनेक संस्करण प्रकाशित किये गये हैं। श्रीरामचरितमानसका सटीक संस्करण अबतक प्रकाशित सैकड़ों टीकाओंमें पाठ-भेदोंको दृष्टि में रखकर सर्वाधिक प्रमाणित टीकाके रूपमें निकाला गया। यहाँसे प्रकाशित श्रीरामचरितमानसका मूलपाठ भी यथाशक्ति सर्वाधिक शुद्ध तथा क्षेपकरहित है। श्रीरामचरितमानसके सभी संस्करणोंमें पाठ-विधिके साथ नवाह्न और मासपारायणके विश्रामस्थान, गोस्वामीजीकी संक्षिप्त जीवनी, श्रीरामशलाका प्रश्नावली तथा अन्तमें रामायणजीकी आरती दी गयी है। गीताप्रेससे प्रकाशित श्रीरामचरितमानसके विभिन्न संस्करणोंकी प्रत्येक घरमें उपस्थिति ही इसकी लोकप्रियता तथा प्रामाणिकताका सुन्दर परिचय है।
Rated 0 out of 5
0 reviews
Rated 5 out of 5
0
Rated 4 out of 5
0
Rated 3 out of 5
0
Rated 2 out of 5
0
Rated 1 out of 5
0
Be the first to review “श्रीरामचरितमानस I Shri Ramacharitamanasa” Cancel reply
Description
श्रीरामचरितमानस—गोस्वामी श्रीतुलसीदासजी महाराजके द्वारा प्रणीत श्रीरामचरितमानस हिन्दी साहित्यकी सर्वोत्कृष्ट रचना है। आदर्श राजधर्म, आदर्श गृहस्थ-जीवन, आदर्श पारिवारिक जीवन आदि मानव-धर्मके सर्वोत्कृष्ट आदर्शोंका यह अनुपम आगार है। सर्वोच्च भक्ति, ज्ञान, त्याग, वैराग्य तथा भगवान्की आदर्श मानव-लीला तथा गुण, प्रभावको व्यक्त करनेवाला ऐसा ग्रन्थरत्न संसारकी किसी भाषामें मिलना असम्भव है। आशीर्वादात्मक ग्रन्थ होनेके कारण सभी लोग इसका मन्त्रवत् आदर करते हैं। इसका श्रद्धापूर्वक पाठ करनेसे एवं इसके उपदेशोंके अनुरूप आचरण करनेसे मानवमात्रके कल्याणके साथ भगवत्प्रेमकी सहज ही प्राप्ति सम्भव है। इस दिव्य ग्रन्थरत्नकी अधिकाधिक प्रचार-प्रसारकी दृष्टि से ही गीताप्रेससे इसके बृहदाकार, ग्रन्थाकार, मझला आकार, गुटका आकार और अलग-अलग काण्डके रूपमें विभिन्न भाषाओंमें सटीक एवं मूल अनेक संस्करण प्रकाशित किये गये हैं। श्रीरामचरितमानसका सटीक संस्करण अबतक प्रकाशित सैकड़ों टीकाओंमें पाठ-भेदोंको दृष्टि में रखकर सर्वाधिक प्रमाणित टीकाके रूपमें निकाला गया। यहाँसे प्रकाशित श्रीरामचरितमानसका मूलपाठ भी यथाशक्ति सर्वाधिक शुद्ध तथा क्षेपकरहित है। श्रीरामचरितमानसके सभी संस्करणोंमें पाठ-विधिके साथ नवाह्न और मासपारायणके विश्रामस्थान, गोस्वामीजीकी संक्षिप्त जीवनी, श्रीरामशलाका प्रश्नावली तथा अन्तमें रामायणजीकी आरती दी गयी है। गीताप्रेससे प्रकाशित श्रीरामचरितमानसके विभिन्न संस्करणोंकी प्रत्येक घरमें उपस्थिति ही इसकी लोकप्रियता तथा प्रामाणिकताका सुन्दर परिचय है।
About Author
गोस्वामी तुलसीदास ( जन्म- 1532 ई. - मृत्यु- 1623 ई.) हिन्दी साहित्य के आकाश के परम नक्षत्र, भक्तिकाल की सगुण धारा की रामभक्ति शाखा के प्रतिनिधि कवि थे। तुलसीदास एक साथ कवि, भक्त तथा समाज सुधारक तीनों रूपों में मान्य है। श्रीराम को समर्पित ग्रन्थ 'श्रीरामचरितमानस' 'वाल्मीकि रामायण' का प्रकारान्तर से ऐसा अवधी भाषान्तर है, जिसमें अन्य भी कई कृतियों से महत्वपूर्ण सामग्री समाहित की गयी थी। श्रीरामचरितमानस को समस्त उत्तर भारत में बड़े भक्तिभाव से पढ़ा जाता है। इसके बाद विनय पत्रिका तुलसीदासकृत एक अन्य महत्वपूर्ण काव्य है।
Rated 0 out of 5
0 reviews
Rated 5 out of 5
0
Rated 4 out of 5
0
Rated 3 out of 5
0
Rated 2 out of 5
0
Rated 1 out of 5
0
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.
Be the first to review “श्रीरामचरितमानस I Shri Ramacharitamanasa” Cancel reply
YOU MAY ALSO LIKE…
SEVA: Sikh secrets on how to be good in the real world
Save: 15%
A Cry in the Wilderness : The Works of Narayana Guru
Save: 15%
Shiva to Shankara:Giving Form to the Formless
Save: 15%
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.